THE 5-SECOND TRICK FOR MAIN MENU इतिहास मध्यकालीन भारत का इतिहास प्राचीन भारत का इतिहास विश्व का इतिहास जनरल नॉलेज

The 5-Second Trick For Main Menu इतिहास मध्यकालीन भारत का इतिहास प्राचीन भारत का इतिहास विश्व का इतिहास जनरल नॉलेज

The 5-Second Trick For Main Menu इतिहास मध्यकालीन भारत का इतिहास प्राचीन भारत का इतिहास विश्व का इतिहास जनरल नॉलेज

Blog Article

दुनिया सभ्यताओं जैसे ग्रीक, रोमन और मिस्त्र ने उदय और पतन देखा। भारतीय सभ्यता और संस्कृति इससे अछूती रही। इस देश पर एक के बाद एक कई आक्रमण हुए, कई साम्राज्य आए और अलग अलग हिस्सों पर शासन किया, लेकिन भारतवर्ष की अदम्य आत्मा पराजित नहीं हुई। आज भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और सबसे जीवंत गणराज्य के तौर पर विश्व में देखा जाता है। यह एक उभरती हुई वैश्विक महाशक्ति और दक्षिण एशिया का एक प्रभावशाली देश है।

सामग्री पर जाएँ मुख्य मेन्यू मुख्य मेन्यू

तीन अभिषिक्त साम्राज्य (६०० ई.पू.-१६०० ई.)

लॉर्ड कर्जन ने वायसराय के रूप में कार्य किया

तालीकोटा की लड़ाई या राक्षस-तांगड़ी की लड़ाई। विजयनगर साम्राज्य के पतन को चिह्नित किया

एक बड़े जलवायु परिवर्तन check here के परिणामस्वरूप पशुओं को पालतू बनाना यानी पशुपालन शुरू हुआ।

मुगल साम्राज्य का उदय भारतीय इतिहास में भी एक महत्वपूर्ण मोड़ है। मुगल साम्राज्य के आगमन से भारत में आयात और निर्यात में वृद्धि हुई। विदेशी लोग व्यापार के लिए भारत आने लगे जैसे डच, यहूदी, ब्रिटिश। पूरे क्षेत्र में बड़ी संख्या में भारतीय व्यापारिक समूह फैले हुए थे। इनमें लंबी दूरी के व्यापारी सेठ और बोहरा शामिल थे; बनिक- स्थानीय व्यापारी; बंजारों ने अक्सर बैलों की पीठ पर अपने माल के साथ लंबी दूरी की यात्रा की, व्यापारियों का एक और वर्ग जो थोक वस्तुओं के परिवहन में विशेषज्ञता रखते थे। साथ ही, नदियों में नावों पर भारी सामान लाया जाता था।

इंडियन हिस्ट्री इन हिंदी के इस ब्लॉग में आइए आधुनिक भारत का घटनाक्रम जानते है :-

एक तनशाह जिसके मरने के बाद महिला ने किया उसके शव पर पेशाब

तराइन का दूसरा युद्ध (पृथ्वीराज तृतीय को मोहम्मद गोरी ने हराया)

निजी अभिलेख प्रायः मंदिरों में या मूर्तियों पर उत्कीर्ण हैं। इन पर खुदी हुई तिथियों से मंदिर-निर्माण या मूर्ति-प्रतिष्ठापन के समय का ज्ञान होता है। इसके अलावा यवन राजदूत हेलियोडोरस का बेसनगर (विदिशा) से प्राप्त गरुड़ स्तंभ लेख, वाराह प्रतिमा पर एरण (मध्य प्रदेश) से प्राप्त हूण राजा तोरमाण के लेख जैसे अभिलेख भी इतिहास-निर्माण की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। इन अभिलेखों से मूर्तिकला और वास्तुकला के विकास पर प्रकाश पड़ता है और तत्कालीन धार्मिक जीवन का ज्ञान होता है।

इंडियन नेशनल एसोसिएशन की स्थापना सुरेंद्रनाथ बनर्जी और आनंद मोहन बोस ने की थी

पठन सेटिंग्स खाता बनाएँ लॉग-इन करें व्यक्तिगत उपकरण खाता बनाएँ

पाषाण युग इतिहास का वह काल है जब मानव का जीवन पत्थरों पर अत्यधिक आश्रित था। उदाहरनार्थ पत्थरों से शिकार करना, पत्थरों की गुफाओं में शरण लेना, पत्थरों से आग पैदा करना इत्यादि। इसके तीन चरण माने जाते हैं, पुरापाषाण काल, मध्यपाषाण काल एवं नवपाषाण काल जो मानव इतिहास के आरम्भ से लेकर काँस्य युग तक फ़ैला हुआ है।

Report this page